आरती


मंदिर आरती सामान्य भी है विशिष्ट भी। सामान्य इस दृष्टि से कि यह दैनिक रूप से होने वाली क्रिया है विशिष्ट इसलिए कि हर बार यह विशिष्ट भाव हृदय में जगाती है। नगाड़े की ध्वनि के साथ जब तुमुल नाद की घंटियां व भक्तों के सुर एक दूसरे में खो जाते हैं अग्निशिखा का दहकता पात्र पास में आता है शंख का पवित्र चरणामृत देह के ताप कष्ट को शमित कर देता है आप भी देखें