धूणा

मंदिर में प्रवेश के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं तथा सुविधा का ध्यान रखते हुए सम ऊंचाई (रैंप) का भी रास्ता है जहां से मंदिर के बाहर बनी विस्तृत चौकी जो सही कहा जाए तो प्रांगण रूपी चौक है पर आ जाते हैं प्रवेश के दाएं भाग में धूणा है जो आज तक निरंतर अग्नि को ज्वाजल्यमान रखता है तथा यज्ञ हवन दहन कार्यक्रमों का क्रम निरंतर चलता रहता है।